जैसे कि इससे पहले के एपिसोड में देखा होगा , कि किस तरह से मंजरी दीप के मां से ईशा के लिए लड़ जाती है वाह दीप को यह समझ आती है कि आज इसाकोस की जरूरत है उसे ईशा का साथ देना चाहिए शादी का वादा करने के बाद उसे निभाने की हिम्मत भी रखनी चाहिए , ना कि उसे बीच मंडप में अकेला छोड़कर यू मां का पल्लू पकड़ कर भाग जाना चाहिए । मंजरी दीप को या समझाती है कि ईशा को आज उसकी जरूरत है यदि उसने ऐसा का साथ नहीं दिया , तो वह जिंदा तो रहेगी पर अंदर ही अंदर रोज मरती रहेगी अपनी अम्मा के पल्लू को छोड़ो , और जो लड़की तुम्हारा जिंदगी भर साथ दे सकती है उसका हाथ पकड़ लो।
दीप मंजरी की बातों को सुनता है , और समझता भी है दीप की मां दीप से कहती है कि यहां से चल जब तक यह लोग ऐलावत मेंशंन मेरे नाम नहीं कर देते मैं यह शादी होने की नहीं दूंगी । दीप कहता है कि बस मैं बस मैंने बचपन से लेकर आज तक वही काम किया है , जो आपने मुझे करने को कहा है मैंने वह सब कुछ बिना कोई सवाल किए ही किया पर आज मैं ईशा से शादी करूंगा वह भी बिना एक फूटी कौड़ी लिए। मैं और ईशा एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं और मैं जानता हूं जी ऐसा ही ऐसी लड़की है जो जीवन के हर सुख दुख में हर कदम पर मेरा साथ देगी। अपने बेटे को ऐसा बोलता सुन बर्फी देवी वारसी चुपचाप चली जाती है और दीप और ईशा की शादी हो जाती है ।
मीत ऐलावत को यह पता चलता है कि यह लड़की मंजरी नहीं बल्कि मीत हुड्डडा है, बस वह किसी तरीके से यह पता लगाना चाहता है , कि मीत हुड्डडा किस मकसद से फिर से इस घर में आई है मीत ऐलावत का दिल या मानने को तैयार ही नहीं हो रहा था कि यह लड़की मंजरी है उसको तो शुरू से ही पता था किया उसकी पत्नी मीत ही है । बस उसके पास कोई ऐसा पुख्ता सबूत नहीं था , जिस से वाह घर वालों के सामने या साबित कर सके की यह लड़की जो मंजरी बनकर आई है वह मंजरी नहीं बल्कि उसकी पत्नी मीत हुड्डडा ही है।
मीत ऐलावत कहता है कि या आज ईशा के लिए जो तुमने किया है उसका बहुत-बहुत धन्यवाद मुझे यह पता था, कि यह काम तुम्हारे अलावा और कोई नहीं कर सकता है सिर्फ तुम ही हो जो इस घर और ईशा की खुशी के लिए कुछ भी कर सकती हो। तुमने हर बार इस घर की बहुत मदद की है ईशा और दीप की शादी होने से सभी घरवाले बहुत खुश है ईशा की मां पापा मंजरी की बात ना मानकर अपने किए पर बहुत ही शर्मिंदा हो रहे हैं और मंजरी से माफी मांग रहे हैं ।
मीत ऐलावत को फिर हुआ मंजरी पर शक…….
मीत ऐलावत मंजरी से कहता है कि मैंने जब पहली बार तुम्हें माता रानी के दरबार में नाचते हुए देखा था, तभी मुझे या पक्का यकीन हो गया था कि तुम वही हो कोई और नहीं फिर तुमने यह झूठ क्यों बोला ? इस घर में आने का तुम्हारा नया मकसद क्या है ? तुम मुझे बता दो मैं जानना चाहता हूं कि तुम इस घर में दोबारा लौटकर क्यों आई हो ?जब तुम एक बार इस घर को छोड़कर चली गई थी तो फिर दोबारा क्यों इस घर में आई हो आखिर ऐसा कौन सा मकसद बाकी रह गया था जिसे तुम्हें पूरा करने के लिए इस कार में दोबारा आना पड़ा । तुम्हारी वही आंखें वही अंदाज़ वही खुशबू सब मुझे बार-बार एहसास दिलाती है कि तुम मंजरी नहीं बल्कि मीत हो । तुम मुझे इस घर में दोबारा वापस आने का सच बता दो । क्या मंजरी मीत ऐलावत को सारा सच बता देगी ? यह देखने के लिए आप हमारे अगली अपडेट्स जरूर पढ़िए , और कैसी लगी आज की हमारी आर्टिकल हमें कमेंट में जरूर बताइए ।