
जैसा कि आपने पहले एपिसोड में देखा होगा की मीत हुड्डा ने किस तरह से अपनी समझदारी और सूझबूझ से ईशा और दीप की शादी करवाई । ईशा की विदाई के बाद मंजरी मानुषी से मिलने जाती है ,और मानुषी से जैसा उसने डील किया था उस डील को पूरा करने के लिए कहती है और मानुषी उस डील के लिए तैयार भी हो जाती है ।
मंजरी मानुषी से से कहती है कि जितनी जल्दी मेरी फई के गोद में एक छोटा सा लड़का लाकर दे दोगी , उतनी ही जल्दी मैं इस ऐलावत फैमिली से ढेर सारा पैसा लेकर तुम्हें दे दूंगी। मानुषी में तो हुड्डा के इस डील को स्वीकार कर लेती है। वह बच्चे की तलाश में बहुत सारे अनाथ आश्रम में जाती है पर उसे बच्चा नहीं मिल पाता है अब मानुषी मीत हुड्डा के बच्चे को मंजरी की फई पैसों के बदले को सौंप देगी और मीत की इतने सालों की तपस्या पूरी होगी । वह बस किसी भी सूरत में अपने बच्चे को सही सलामत अपने पास और अपने परिवार के पास लाना चाहती है।

उधर दूसरी तरफ ईशा और दीप की शादी होने के बाद दीप की मां बर्फी देवी बहुत गुस्से में बौखलाई और सबके सामने शर्मिंदा हुई तो इसकी वजह से वह अपना गुस्सा कंट्रोल नहीं कर पा रही है। वह यह सोच रही है कि यह सब कुछ आज जो हुआ है तब उस लड़की मंजरी की वजह से हुआ है , और वह कसम खाती है कि आज शाम तक यदि मैंने इस मंजरी नाम की लड़की को इस इलाहाबाद फैमिली से निकाल कर बाहर ना फेंकवाया तो मेरा नाम भी बर्फी देवी नहीं।
जैसा की बर्फी देवी पहले से ही जानती है कि मीत खुदा के ससुर को यह नहीं पता है कि यह लड़की मीत नहीं बल्कि उसकी हमशक्ल मंजरी है और इसी बात का फायदा उठाकर बर्फी देवी चलने जा रही है अपनी अगली चाल।
दीप की मां बर्फी देवी को लगता था कि ईशा और दीप की शादी के लिए मैं जो जो डिमांड करूंगी , ईशा के मां पापा उसे जरूर पूरा करेंगे पर मीत और मंजरी ने मिलकर ऐसा कुछ भी नहीं होने दिया इन्हें दहेज की एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली और दीप और निशा की शादी भी खुशियों के साथ और धूमधाम से हुई । सबके सामने शर्मिंदा होने के बाद बर्फी देवी ने जो कसम खाई है उसे पूरा करने के लिए वह अहलावत परिवार के मुख्य सदस्य मीत हुडा के ससुर राज के पास जाती है और उससे कहती है कि तुम जिस लड़की को अपने घर में अपनी मीत बहू बना कर रखे हो वह तुम्हारी बहू मीत नहीं बल्कि उसकी हमशक्ल एक गरबा डांस की टॉपर बड़ोदरा से आई हुई मंजरी है।

यह खबर सुनकर राज के पैरों के तले जमीन खिसक जाती है उसे यह यकीन ही नहीं होता है , की वह लड़की उसकी मीत बहू नहीं बल्कि कोई उसकी हमशक्ल है दीप की मां बर्फी देवी ने बड़ी ही आसानी से राज को अपना मोहरा बनाया , और उसे बताया कि तुम्हारी इतनी तबीयत खराब होने की वजह से तुम्हारे घर वालों ने जब इस लड़की को देखा तो उसे इस घर में मीत बना कर ले आए ताकि तुम ठीक हो जाओ तुम्हारी तबीयत में सुधार आ जाए और ऐसा ही हुआ तुमने उसे अपनी मीत बहू समझ लिया उसके घर वापस आने के बाद और तुम्हारी तबीयत में धीरे-धीरे सुधार भी आने लगा परंतु सच्चाई तो यह है कि यह तुम्हारी बहू नहीं बल्कि उसकी हमशक्ल गरबा डांसर मंजरी है। जो आज तुम्हारे घर में तुम्हारी बहू की जगह लेने को तैयार बैठी है।
मीत हुडा पर एक साथ आए अनेकों संकट …..
मीत हुडा पर एक साथ अनेक संकट आते दिखाई दे रहे हैं क्या मीत हुडा अपने इस ऐलावत परिवार में वापस आने का मकसद पूरा कर पाएगी ? क्या मीत हुडा मंजरी बन कर अपनी बहन मानुषी से अपना बच्चा वापस ले पाएगी या बर्फी देवी के उठाए हुए इस कदम से मीत पर कोई बड़ी संकट आ जाएगी क्या मीत हुडा फिर से अपने परिवार और अपने पति के साथ अहलावत परिवार में हंसी खुशी से एक साथ रहेगी ? या फिर उस पर संकट के छाए हुए बादलों का यह पलड़ा और भी भारी पड़ जाएगा मीत हुडा के इस लड़ाई को और आगे जानने के लिए आप हमारी रोज की अपडेट पढ़ते रहिए, और कैसी लगी हमारी आज की याह आर्टिकल हमें कमेंट करके जरूर बताइए।