
आपको इससे पहले एपिसोड में यह दिखाया गया होगा कि लक्ष्मी किस तरह से ऋषि पर भरोसा रखती है कि वह आएगा और उसे बचाएगा लक्ष्मी का यह विश्वास पूरा भी होता है देसी आता है और उसे यकीन दिलाता है कि वह उसे यहां से जल्द से जल्द छुड़ा कर ले जाएगा । ऋषि अपने घर पर होता है और लक्ष्मी जेल में फिर भी यह दोनों एक साथ ना होते हुए भी आपस में एक दूसरे को दिखाई देते हैं और ऋषि लक्ष्मी के बारे में सोचते हुए खूब सारी बातें भी करता है और कहता है कि लक्ष्मी के बिना मेरा जीवन अधूरा है मैं लक्ष्मी के बिना कुछ भी नहीं हूं। यह सब बातें मलिश्का सुन लेती है और गुस्से से पागल हो जाती है |

असली मुलजिम कौन है यह पता लगाने के लिए ऋषि दिन रात एक करता रहता है और उसे आयुष बताता है कि हमारे होटल का जो एक वर्कर मुकेश नाम का था वह गायब है जिस दिन लक्ष्मी भाभी होटल में खाना बनाने गई थी उस दिन मुकेश वहीं पर मौजूद था पर उस दिन के बाद मुकेश होटल में नहीं दिख रहा है ऋषि ने जिस वकील को हायर किया था वह वकील भी यह सलाह देता है कि हो सकता है वह वर्कर ही गुनहगार हो खाने में जहर मिलाकर भाग गया हो । ऋषि कहता है कि यदि ऐसा है तो मैं उस मुकेश को छोडुंगा नहीं ।
मलिश्का ऋषि के पास आती है और ऋषि बताता है कि जो असली मुलजिम है उसका पता चल चुका है और अब मैं उसे नहीं छोड़ने वाला हूं इंग्लिश का चौक जाती है कि कहीं उसे बलविंदर और उसका नाम तो नहीं पता चल गया। मलिश्का के खिलौने खेल में उसकी मौत उसके साथ पहले से ही शामिल थी पर अब मलिश्का के पापा ने भी उसका साथ देना शुरू कर दिया है ।
लक्ष्मी जेल में बस ऋषि का इंतजार करती रहती है और उसे या पक्का विश्वास है कि कोई उसका साथ दे या ना दे पर ऋषि हमेशा उसके साथ है ऋषि लक्ष्मी को कभी अकेला नहीं छोड़ेगा वाह लक्ष्मी को जेल से बाहर निकाल कर लेकर जाएगा इसी इंतजार में वह बेगुनाह होते हुए भी अपने एक-एक पल जेल में बिता रही है ।

सभी औरतों को आपस में बात करते नहीं सुनती है कि सारे मर्द कैसे होते हैं कैसे दूसरी लड़कियों के बहकावे में कितनी जल्दी आ जाते हैं और सोचती है कि कहीं मलिश्का ने या सबकुछ जानबूझकर तो नहीं किया जिससे ऋषि से मैं हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाऊं ऋषि और मेरा रिश्ता टूट जाए मैं उस घर से बाहर चली जाऊं मुझे उस घर से निकालने के लिए मलिश्का नहीं इतना घिनौना खेल तो नहीं खेला।
वीरेंद्र ओबरॉय नीलम ओबरॉय को उसकी जिम्मेदारियों का अहसास दिलाते हैं और उसे बताते हैं कि लक्ष्मी के प्रति उसकी जिम्मेदारी है की वह लक्ष्मी को जेल से सही सलामत बाहर लाए और अपनी बहू लक्ष्मी को ऋषि की पत्नी और अपनी बहू के रूप में स्वीकार करें। वीरेंद्र की ऐसी बातें सुनकर नीलम बहुत परेशान होती है और कहती है कि मेरा फैसला कभी नहीं बदलेगा मेरे घर की बहू और मेरी बहू सिर्फ और सिर्फ मलिश्का बनेगी वह लक्ष्मी तो कभी नहीं मैंने अपनी बहू के रूप में सिर्फ और सिर्फ मलिश्का को ही चुना है और किसी को नहीं उस अशुभ लक्ष्मी को तो कभी नहीं । और मेरा यह फैसला अटल रहेगा इसे कोई नहीं बदल सकता।
आपको अगले एपिसोड में या देखने को मिलेगा की ऋषि अपने अपने प्यार से लक्ष्मी के विश्वास से क्या लक्ष्मी को छुड़ा पाएगा या नीलम अपनी जिद में जीत जाएगी जिससे मलिश्का की जीत हो जाएगी और बेकसूर होते हुए भी लक्ष्मी फस जाएगी देखते हैं क्या होता है अगले एपिसोड में या जानने के लिए आप हमारी रोज के नए-नए आर्टिकल्स बढ़ते रहिए और कैसी लगी हमारी आज की या अपडेट हमें कमेंट करके जरूर बताइए