
जैसा कि आपने देखा होगा कि लक्ष्मी का पूरा परिवार आतंकवादियों की कैद में आ गया है और वह सब बार-बार उन आतंकवादियों की कैद से छुटने की कोशिश करते हैं वह सब लोग वहां से बाहर नहीं निकल पाते हैं ओबेरॉय फैमिली के सभी सदस्यों की जान खतरे में है पुलिस भी अभी भी कुछ नहीं कर पा रही है और आतंकवादी मनीष की मांग के अनुसार उनके तीनों साथी की रिहाई से ही कोर्ट में फंसे सभी लोगों की जान बच सकती है पर पुलिस ऐसा कभी नहीं करेगी वह मनीष के तीनों साथियों को कभी नहीं छोड़ेगी क्योंकि सभी लोग यह अच्छी तरह से जानते हैं कि यदि मनीष के तीनों आदमी छूट गए तो अभी तो इतने ही लोगों की जान खतरे में है इन तीनों की छूटने के बाद पूरे शहर पर ही कहर बरस जाएगा यह लोग जगह-जगह बम ब्लास्ट करना शुरू कर देंगे बच्चे बुजुर्ग सब मारे जाएंगे पूरी जनता की रक्षा के लिए पुलिस मनीष के तीनों साथियों को छोड़ने में आनाकानी कर रही है

ऋषि को मोहरा बनाकर उसे जिस तरह से फांसी पर लटकाया गया लक्ष्मी यह बर्दाश्त नहीं कर पाई और ऋषि के पैरों को अपने कंधों पर रखकर खड़ी हो गई और कब तक लक्ष्मी से ऋषि के पास खड़ी रहेगी आतंकवादी मनीष का टारगेट सबसे पहले ऋषि और लक्ष्मी ही है और वह पुलिस को भी आगाह कर चुका है कि यह दूसरी मांग पूरी नहीं हुई तो वह ऋषि ओबरॉय की लाश को भेज देगा बाहर और उसके बाद हर 5 मिनट में एक-एक करके सभी लोगों की लाश बाहर मिलेगी।
दादी अकेले ही बाहर है और वह बहुत ज्यादा परेशान है उन्हें नहीं समझ आ रहा है कि वह क्या करें और किस तरह से अपने परिवार की रक्षा करें वह बार-बार अंदर आने की जिद कर रही है उन्हें किसी तरह से बाहर रोका गया है देविका भी बहुत परेशान है वह दादी को लेकर बाहर रुकी हुई है पर दादी बार बार अंदर आने की जिद कर रही है । और एक ही रट लगा कर बैठी है कि मुझे मेरे परिवार से मिलना है मुझे अपने बेटे ऋषि से मिलना है मुझे अपने घर की रौनक लक्ष्मी से मिलना है।

इधर मलिश्का यह सब कुछ जो हो रहा है उसका इल्जाम लक्ष्मी पर डालती है और कहती है कि ना तुमने खाने में जहर मिलाया होता ना तुम्हारे ऊपर केस होता और ना ही हम लोग यहां कोर्ट में आते और जब कोर्ट में आते ही नहीं तो इस मनीष के चंगुल में हम फंसते ही नहीं । यहां जो कुछ भी हो रहा है उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ तुम हो। नीलम भी लक्ष्मी को अपसुगनी और उल्टा सीधा बोलती है।
लक्ष्मी को सिर्फ इसी बात की चिंता लगी है कि कैसे ऋषि को बचाएं यही सोच रही है कि क्या करें जिससे ऋषि की जान बच जाए ।
लक्ष्मी को लगी आतंकवादी की मनीष की गोली ……
लक्ष्मी आतंकवादियों से कहती है कि मेरे पूरे परिवार को और ऋषि को छोड़ दो और तुम मेरी जान ले लो आतंकवादी मनीष कहता है कि तुम्हारी इच्छा भी पूरी हो जाएगी तुम्हारी जान जरूर लूंगा लेकिन इससे पहले तुम्हारे हीरो ऋषि को मार दूंगा उसके बाद तुम्हारा नंबर। इधर पुलिस आतंकवादी मनीष को चकमा देने के लिए आतंकवादी मनीष तक यह खबर भेजती है कि उनके तीनों साथियों को छोड़ दिया गया है और अब तुम अंदर फंसे निर्दोष लोगों को छोड़ दो आतंकवादी मनीष कहता है कि मैं इन सभी लोगों को छोड़ रहा हूं इन सब को बाहर निकाल दूंगा पर इससे पहले मैं तुम्हारे लिए एक तोहफा भेज रहा हूं यह कह कर मनीष लक्ष्मी पर गोली चला देता है ।
आने वाले अगले एपिसोड में आपको यह दिखाया जाएगा कि क्या आतंकवादी मनीष की चलाई गई गोली लक्ष्मी को लग जाती है लक्ष्मी और ऋषि का इतना ही साथ था क्या लक्ष्मी की जान चली जाएगी अगली खबर जानने के लिए आप हमारी रोज के अपडेट्स को पढ़ते रहिए और कैसी लगी हमारी आज की यह आर्टिकल हमें कमेंट करके जरूर बताइए ।