
प्यार का पहला नाम राधामोहन में जहां गुनगुन राधा को अपने घर से बाहर निकाल रही थी राधा के प्रेम और स्वभाव से और राधा के समझाने से गुनगुन को समझ में आ गया कि राधा अच्छी है और उसे सही समझा रही है और उसने राधा को अपने कमरे में रहने के लिए बोला । या देखकर मोहन और उसके घर वाले खुश हुए हैं ।और वही दामिनी को बहुत ही गुस्सा आया उसके सारे के पर पानी फिर गया। वह चाह कर भी राधा को घर से नहीं निकाल पाई।

राधा की दादी उसको फोन करके मोहन के लिए हरियाली तीज का व्रत रखने को बोलती है और बोलती है कि घर में किसी को ना पता चले कि तूने मोहन के लिए हरियाली तीज का व्रत रखा है। तुलसी की आत्मा या सुनकर बहुत ही खुश होती है कि राधा मोहन के लिए व्रत रख रही है और अपने घर के बदलते हुए हालातों के साथ तुलसी बहुत ही खुश है तुलसी कुछ भी करके दामिनी और मोहन की शादी को रोकना चाहती है।

दामिनी कुछ भी करके मोहन से शादी करना चाहती है जिसके लिए वो राधा को भी घर से निकालने के लिए तैयार है वह नहीं चाहती कि तुलसी की आत्मा या राधा दोनों में से कोई भी इस घर में रहे। दामिनी अपने गुरू मां के पास जाती है वह तंत्र विद्या भी जानती है जो दामिनी को यह बतती हैं कि मोहन ने राधा के मांग में जो सिंदूर लगाया था , वह उस घर में रहेगा तब तक मोहन की शादी दामिनी से नहीं हो पाएगी गुरु मां दामिनी को सिंदूर घर से बाहर निकाल कर फेकनें को कहती हैं , लेकिन दामिनी उस सिंदूर को नहीं छू सकती ऐसा भी बताती है ।
वह दामिनी को सिंदूर को हटाने के लिए ऐसी लड़की ढूंढने को कहते हैं ।
जो पवित्र हो , उसकी आत्मा पवित्र हो , और उसके बाल उसकी आस्था के सामन लंबे हो ।
दामिनी को गुरु मां के द्वारा बताया गया यह सब पवित्र गुण राधा में दिखाई देता है।
अब उस सिंदूर को मोहन के घर से बाहर फेकनें के लिए दामिनी क्या और कैसे करेगी आगे की जानकारी के लिए नये आर्टिकल पढते रहिये।।